नोएडा के बच्चों के लिए नया खतरा बन रहा डेंगू,जानिए पूरा मामला!

Noida:नोएडा बाल चिकित्सालय में नवंबर में डेंगू से पीड़ित 40 मरीजों के नमूनों की सीरोटाइप जांच की गई। इसमें से 22 में डेन टू के वायरस मिले। वहीं, दो नमूनों में डेन वन और एक में डेन थ्री वायरस की पुष्टि हुई। नोएडा सेक्टर-30 के बाल चिकित्सालय में बच्चों में डेंगू की बीमारी की गंभीरता पर शोध के लिए सीरोटाइप जांच शुरू कर दी गई है। डेंगू से पीड़ित 40 मरीजों के नमूनों की जांच रिपोर्ट आई है, जिसमें ज्यादातर डेन टू वायरस से पीड़ित मिले हैं।
बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान में नवंबर में डेंगू से पीड़ित 40 मरीजों के नमूनों की सीरोटाइप जांच की गई। इसमें से 22 में डेन टू के वायरस मिले। वहीं, दो नमूनों में डेन वन और एक में डेन थ्री वायरस की पुष्टि हुई। अब बाल चिकित्सालय इन मरीजों की बीमारी की गंभीरता का अध्ययन करेगा। अध्ययन में यह पता किया जाएगा कि अलग-अलग मरीज में बीमारी की गंभीरता, लक्षण, इलाज की अवधि आदि क्या रही। इसके बाद इसके आंकड़े निकाले जाएंगे। इन मरीजों के नमूनों की सीरोटाइप जांच के लिए संस्थान के निदेशक डॉ. एके सिंह ने किट उपलब्ध कराई।
बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान के माइक्रोबायलॉज विभाग की प्रमुख डॉ. सुमी नंदवानी ने बताया कि सीरोटाइप जांच रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है। आने वाले दिनों में भी जांच की जाएगी। अगले साल जनवरी तक जांच रिपोर्ट सहित शोध से जुड़े अन्य पहलू की जानकारी उपलब्ध होगी। रि के आधार पर मरीजों में बीमारी की गंभीरता की जानकार इकट्ठा की जाएगी।
बाल चिकित्सालय के माइक्रोबायॉलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. सुमी नंदवानी ने बताया कि शोध का उद्देश्य 18 साल से कम उम्र के किशोर और बच्चों में डेंगू की गंभीरता और प्रबलता की जानकारी प्राप्त करनी है। साथ यह भी पता करना है कि साल दर साल डेंगू के वायरस का प्रभाव किस तरह से बच्चों को प्रभावित करता है। इससे पहले कई नमूनों की जांच दिल्ली में भी कराई गई थी। अब बाल चिकित्सालय में ही सिरोटाइप जांच शुरू कर दी गई है।
टेस्ट करने के लिए 1200 और किट मिली बाल चिकित्सालय में डेंगू सीरोटाइप जांच के लिए गुरुवार को 1200 जांच किट मिलीं। जांच का दायरा बढ़ाने के लिए नई जांच किट मंगाई गई हैं। ज्यादा से ज्यादा मरीजों के नमूनों की ऐप पर पढ़ें जाएगी। नई जांच रिपोर्ट को भी शोध में शामिल किया जाएगा। पहले दिल्ली के एनसीडीसी में बाल चिकित्सालय में इलाज करवाने वाले बच्चे और स्वास्थ्य कर्मियों की सीरोटाइप जांच के लिए नमूने भेजे गए। इसकी रिपोर्ट भी इस शोध में शामिल किया जाएगा। अब जांच की सुविधा बाल चिकित्सालय में ही शुरू की गई है।