अमेरिकी नागरिकों से साइबर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश , सात आरोपी को किया गिरफ्तार

अमेरिकी नागरिकों से साइबर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश , सात आरोपी को किया गिरफ्तार

NOIDA: एक्सप्रेस-वे कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को अमेरिकी नागरिकों से साइबर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। कब्जे से लैपटॉप, नकदी समेत अन्य सामान बरामद किया है। आरोपित अमेरिका से कॉल को कॉल वेंडर के माध्यम से खरीदा जाता है।

इसके बाद टेक्निकल सपोर्ट के लिए टोल फ्री नंबर पर स्पूफिंग के द्वारा पोपअप कॉल व ईमेल के माध्यम से उनसे बात की जाती है। टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर भुगतान यूएस डॉलर व बिट क्वाइन के माध्यम से लिया जाता है।

एडिशनल डीसीपी नोएडा शक्ति अवस्थी का कहना है कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि यूएसए व कनाडा से साइबर फ्रॉड कर ठगी करते हैं। आरोपित सेक्टर-135 स्थित यमुना डूब क्षेत्र में गोशाला के पास फार्म हाउस पर बिजनेस डील के संबंध में एकत्रित होने वाले है।

फार्म हाउस पर दबिश देकर जींद हरियाणा के सचिन लखनपाल, सर्फाबाद सेक्टर-73 के अग्निभ बैनर्जी, हरिद्वार, उत्तराखंड के राहुल गौतम, दिल्ली के जय कुमार कोचर को पकड़ा। सचिन व अग्निम बैनर्जी द्वारा लैपटॉप के माध्यम से राहुल गौतम व जय कुमार कोचर को साइबर ठगी बिजनेस की प्लानिंग के संबंध में जानकारी दी जा रही थी। बिजनेस पार्टनर बनाने के लिए निवेश करने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।

आरोपितों से पूछताछ की तो सचिन चौधरी ने बताया कि उनका सेक्टर-73 स्थित सर्फाबाद कॉल सेंटर है, जहां पर आरोपित विदेशी विशेषकर यूएसए व कनाडा के साथ टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर विदेशी लोगों के साथ ठगी करते है। राहुल गौतम व जय कुमार कोचर निवेश के लिए बैठक के लिए आए थे। निशादेही पर सुंदर फार्म हाउस के छठवें तल पर स्थित फ्लैट में दबिश दी गई तो कोलकाता पाण्डब बैनर्जी, शाामिल खान व मोहम्मद को पकड़ा।


आरोपित एक-एक लैपटॉप पर हेडफोन लगाकर विदेशी नागरिकों के साथ साइबर ठगी कर रहे थे। मौके से छह लैपटॉप, लैपटॉप चार्जर, माउस, यूपीएस, वाई-फाई राउटर, वाइफाइ चार्जर, हेडफोन, मोबाइल फोन, रजिस्टर, 48 हजार रुपये नकद, एक कार बरामद की है।
आरोपित की कॉल को कॉल वेंडर के माध्यम से खरीदा जाता है। इसके बाद टेक्निकल सपोर्ट के लिए टोल फ्री नंबर पर स्पूफिंग के द्वारा पोपअप कॉल व ईमेल के माध्यम से उनसे बात की जाती है। टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर भुगतान यूएस डालर व बिट क्वाइन के माध्यम से लिया जाता है।