बड़ी जीत, लॉजिक्स इफ्रा की दिवालिया प्रक्रिया रद

बड़ी जीत, लॉजिक्स इफ्रा की दिवालिया प्रक्रिया रद

Noida: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. के लिए सीआईआरपी प्रक्रिया रद कर दी है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट के तहत घर खरीदने वालों को एक बड़ी जीत मिली है। एनसीएलटी ने दिवालिया कार्रवाई पर अपना आदेश सुनाया है। न्यायाधिकरण ने लागत के साथ आईए 6541 को अनुमति दी है। इस आदेश से काफी दिनों से इस प्रोजेक्ट में अपना घर खरीदने वालों को राहत मिली है और अब वे अपने घर के सपने को साकार कर सकते हैं।

सेक्टर-137 स्थित लॉजिक्स ब्लॉसम काउंटी सोसाइटी के अपार्टमेंट आॅनर्स एसोसिएशन (एओए) अध्यक्ष मनोज प्रसाद ने बताया कि लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) 14 जुलाई, 2023 को शुरू हुई थी, लेकिन अब इसे रद्द करते हुए समाप्त कर दिया गया है। नतीजतन, इंटरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की ओर से की गई सभी कार्रवाई शून्य और अमान्य हो गई है। एनसीएलटी ने आईआरपी को लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के पूर्व प्रबंधन और निलंबित निदेशकों को सभी प्रबंधन नियंत्रण वापस करने का निर्देश दिया है। मनोज ने बताया कि जस्टिस अतुल चतुवेर्दी और बच्चू वेंकटरमण बलराम दास की ओर से यह फैसला सुनाया गया। इसके अलावा, वित्तीय लेनदार, एक्सपर्ट्स रियलिटी प्रोफेशनल्स प्रा.लि. को सीआईआरपी लागत और शुल्क वहन करने का आदेश दिया गया है, जिसका भुगतान एक सप्ताह के भीतर किया जाना है।

एक्सपर्ट्स, रियलिटी प्रोफेशनल्स पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे आदेश के बाद 10 दिनों में प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में जमा करना होगा। आईआरपी को एक सप्ताह के भीतर न्यायाधिकरण को अनुपालन ज्ञापन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। मनोज प्रसाद ने इसे घर खरीदारों की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट्स रियलिटी प्रोफेशनल्स प्रा.लि. ने वित्तीय लेनदार के रूप में बकाया राशि का दावा करते हुए लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ एनसीएलटी का रुख किया था। घर खरीदने वालों ने इस याचिका को चुनौती दी, जिससे हितों के टकराव का मामला उजागर हुआ। लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर और एक्सपर्ट्स रियलिटी प्रोफेशनल्स दोनों के प्रमुख निदेशकों ने दोनों संस्थाओं के बीच स्विच किया, जिससे दावों की वैधता पर चिंताएं बढ़ गई।

लॉजिक्स ब्लॉसम काउंटी में 17 टावर और 2,381 फ्लैट हैं। नोएडा प्राधिकरण से केवल 10 टावरों को आॅक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) दिए गए हैं, जबकि सात टावर अप्रमाणित हैं। आवश्यक शर्तों को पूरा करने में विफल रहने के बावजूद बिल्डर ने इन सात टावरों में अवैध रूप से कब्जा दिया। नोएडा प्राधिकरण ने करीब 400 करोड़ की बकाया राशि के कारण पूरी सोसाइटी में सबलीज डीड के निष्पादन को रोक दिया है। हजारों फ्लैट खरीदार मालिकाना हक तलाश रहे हैं। लॉजिक्स ग्रुप के बिल्डरों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण के सुस्त रवैये के कारण घर खरीदार लंबे समय से परेशान हैं। अब निवासियों को इस समूह आवास परियोजना के प्रभावित घर खरीदारों के लिए सबलीज डीड और ओसी जारी करने की सुविधा के लिए नोएडा प्राधिकरण से निर्णायक कार्रवाई का इंतजार है।