दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस से पूछा सवाल..

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस से पूछा सवाल..

DELHI:  Delhi High Court ने राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से यातायात को सुचारू करने के उपायों पर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि परिस्थिति सुधरने की बजाय बदतर होती जा रही है। ऐसे में नई ट्रैफिक पुलिस रणनीतियां ही बदलाव लाने में कामयाब होंगी।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ के समक्ष दिल्ली में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सुनवाई हुई। पीठ को बताया गया कि हालात पहले से कहीं ज्यादा खराब हो गए हैं। दोपहर बाद दिल्ली का हर इलाका यातायात की समस्या से जूझ रहा होता है।

शाम होते-होते स्थिति और खराब हो जाती है। पीठ को यह भी बताया गया कि रात में कुछ मिनटों का सफर घंटों में पूरा होता है। पीठ ने इस पर सहमति जाहिर की। पीठ ने यह भी कहा कि इससे पहले दिल्ली पुलिस को इस बाबत कई बार आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन स्थिति सुधर नहीं रही है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को नई योजनाएं और एहतियातन कदम उठाने होंगे, ताकि हालात को बदला जा सके। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए छह नवंबर की तारीख को सूचीबद्ध किया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने यातायात पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) से राजधानी में यातायात को सुचारू और सुविधाजनक बनाने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी मांगी है। पीठ ने पुलिस आयुक्त को तीन सप्ताह में इस मामले की स्थिति की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को रखी है।

दिल्ली में ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या को लेकर गैर सरकारी संस्था जन सेवा कल्याण समिति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका में दावा किया गया था कि राजधानी की सड़कों पर अच्छे प्रबंधन की कमी से लंबे समय तक जाम लगता है। जगह-जगह मानवरहित बैरिकेड भी इसका एक कारण था। इस मामले में उच्च न्यायालय ने पुलिस को मानवरहित बैरिकेड को तत्काल हटाने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता ने हालात सुधरने की बजाय और भी बदतर हो गए हैं।

दिल्ली की यातायात समस्या पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय की पीठ पर दो वरिष्ठ ट्रैफिक पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस अधिकारियों ने पीठ को बताया कि राजधानी में अब जहां आवश्यक हो बैरिकेड लगाए जाते हैं। यहां तक कि बैरिकेडिंग की जाती है, पुलिस की तैनाती आम है। याचिकाकर्ता ने कहा कि मानवरहित बैरिकेड अभी भी यातायात को बाधित करता है। इसके अलावा, कई क्षेत्रों का विवरण दिया गया था। पीठ ने दोनों पक्षों की राय सुनने के बाद पुलिस से जवाब मांगा है।