गौतमबुद्ध नगर के आसपास के जिलों को जल्दी कनेक्टिविटी देने का प्रयास, 18 महीने में रोडमैप बनाया जाएगा, तीनों अथॉरिटी सहयोग करेंगी

गौतमबुद्ध नगर के आसपास के जिलों को जल्दी कनेक्टिविटी देने का प्रयास, 18 महीने में रोडमैप बनाया जाएगा, तीनों अथॉरिटी सहयोग करेंगी

नई योजना पर काम शुरू हो गया है जो गौतमबुद्ध नगर और आसपास के जिलों को बेहतर और जल्दी कनेक्टिविटी देगी। नोएडा, ग्रेनो और यमुना प्राधिकरण क्षेत्रों के अलावा हापुड़, गाजियाबाद और बुलंदशहर में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए योजना का रोडमैप बनाने का काम शुरू हो गया है। इस कार्य में लगभग डेढ़ वर्ष का समय लगने का अनुमान है। इसके लिए कंसल्टेंट का चयन शुरू हो गया है। कंसल्टेंट को चुनने के बाद, इन चारों जिलों के सड़क नेटवर्क और सार्वजनिक परिवहन के साधनों का अध्ययन करना बहुत समय लेगा। तीनों प्राधिकरणों ने अपने-अपने क्षेत्रों में व्यवस्था की बहाली के लिए टेंडर निकालेंगे।

गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर को भी क्षेत्रीय योजना में शामिल करने पर सहमति हुई है। रोडमैप तैयार होने के बाद प्राधिकरण खुद सड़कों का निर्माण और रखरखाव करेगा। मैनपावर भी उनके होंगे। इसमें मैट्रो, रेल और सड़क नेटवर्क सहित सभी प्रकार की जांच की जाएगी।

इस योजना का उद्देश्य है कि दिल्ली से बाहर आने वाले व्यक्ति चारों जिलों में किसी भी साधन से आसानी से जा सकें। यह भी चाहते हैं कि लोगों को सड़कों के नेटवर्क के अलावा अन्य साधनों का सहारा आसानी से मिल सके। इसके माध्यम से कनेक्टिविटी जैसे मुद्दे नहीं होंगे।

कंसल्टेंट को चुनने के लिए प्राधिकरण से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) भेजा जाएगा। इसमें आवेदन के बाद चुनाव इच्छुक संस्थाओं को होगा। रोडमैप बनाने के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों में से किसी एक का चुनाव किया जाएगा। इसके बाद व्यवसाय शुरू होगा। प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि पहले कंपनी को दो वर्ष की अनुमति दी गई थी। लेकिन अब RFP में कंपनी को 12 महीने में पूरा रोडमैप बनाने की बात लिखी जाएगी।