सपा नेताओं का नया नारा, सम्मान नहीं तो समर्थन भी नहीं

सपा नेताओं का नया नारा, सम्मान नहीं तो समर्थन भी नहीं

Noida: नोएडा शहर से लेकर खुर्जा तक फैली हुई गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) में नया नारा लगा है। नोएडा सीट पर सक्रिय सपा के नेताओं ने नया नारा दिया है। नोएडा सीट के सपा नेताओं का नारा है कि -“सम्मान नहीं तो समर्थ नहीं”। नोएडा सीट के ज्यादातर सपा नेता अपने लोकसभा के प्रत्याशी डा. महेन्द्र नागर से खफा हैं।

नोएडा सीट पर लम्बे अर्से से सक्रिय समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता सीधा आरोप लगा रहे हैं कि सपा प्रत्याशी डा. महेन्द्र नागर चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। सपाईयों का आरोप है कि उनका प्रत्याशी लोकसभा के चुनाव को गांव पंचायत के प्रधानी के चुनाव की तरह से लड़ रहा है। सपा के नेताओं से ना तो कोई बातचीत की जा रही है। ना ही उन्हें चुनावी अभियान में शामिल किया जा रहा है और तो और सपा के नेताओं को प्रोपर सम्मान भी नहीं दिया जा रहा है। आरोप यह भी है कि सपा प्रत्याशी का चुनाव अभियान नोएडा से लेकर खुर्जा तक पांच विधानसभा की सीटों की बजाय अपने गांव के आसपास ही केन्द्रित होकर रह गया है। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधना के कारण सपा नोएडा सीट को जीतने की स्थिति में है। जीत के वातावरण के बावजूद उनकी पार्टी के प्रत्याशी का चुनावी मैनेजमेंट इतना लचर है कि नोएडा सीट पर सपा का चुनावी अभियान नजर ही नहीं आ रहा है।

इस बीच समाजवादी पार्टी के एक दर्जन नेताओं ने अपनी पीड़ा पार्टी के नेतृत्व के सामने भी रखी है। पार्टी नेताओं ने अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को एक पत्र लिखा है। पत्र में नोएडा सीट से सपा प्रत्याशी पर पार्टी के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को सम्मान ना देने की बात कही गयी है। इसी पत्र में यह नारा भी दिया गया है कि “सम्मान नहीं तो समर्थन नहीं”। पत्र में कहा गया है कि जब पार्टी प्रत्याशी प्रमुख नेताओं को प्रोपर सम्मान तक नहीं दे रहे हैं तो वे कैसे चुनाव में उनका समर्थन कर सकते हैं ? उनके लिए कैसे वोट मांग सकते हैं ?

हमने शनिवार को भी आपको बताया था कि नोएडा से लेकर खुर्जा तक फैले हुए गौतमबुद्धनगर लोकसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता बेहद दु:खी हैं। केवल सपा के नेता ही दु:खी नहीं है। बल्कि नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में सपा के अनुयाई भी दु:खी हैं। नोएडा के सपाई तथा अनुयाई अपने एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई देख रहे हैं। नोएडा में सपा का यह हाल नोएडा सीट पर चुनाव लड़ रहे सपा के प्रत्याशी डा. महेन्द्र नागर के कारण हुआ है।

भारत की राजधानी दिल्ली से सटे हुए नोएडा शहर से लेकर खुर्जा तक गौतमबुद्धनगर लोकसभा की सीट फैली हुई है। पूरे देश की प्रमुख लोकसभा सीट मानी जाने वाली नोएडा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) तथा कांग्रेस के गठबंधन ने पुराने कांग्रेसी डा. महेन्द्र सिंह नागर को अपना प्रत्याशी बनाया है। डा. महेन्द्र नागर को प्रत्याशी बनवाने में सपा के कुछ प्रमुख नेताओं का हाथ रहा है। इन नेताओं का मत था कि डा. महेन्द्र सिंह नागर गुर्जर समाज को एकजुट करके सपा के पक्ष में वोट करवा देंगे। साथ ही कांग्रेस के परंपरागत वोटर्स तथा सपा के कोर वोटर्स मुस्लिम तथा यादव समाज को भी उत्साहित करके वोट डलवा देंगे। नोएडा सीट पर ठीक 20 दिन बाद मतदान होना है। ऐसे में सपा प्रत्याशी गुर्जर यादव तथा मुस्लिम को अपने साथ जोडऩा तो छोड़ो नोएडा सीट पर सक्रिय सपा तथा कांग्रेस के नेताओं तक को नहीं जोड़ पा रहे हैं। नोएडा की राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वालों का कहना है कि नोएडा की सीट पर सपा गठबंधन का चुनाव अभियान शुरू ही नहीं हो पा रहा है। इस कारण नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर, सिकन्द्राबाद तथा खुर्जा तक सपा के नेता बेहद दु:खी हैं। वें अपने सामने ही अपनी सीट पर सपा के प्रत्याशी की दुर्गति होती हुई देख रहे हैं।

नोएडा सीट पर सपा तथा कांग्रेस के समर्थकों (अनुयाईयों) की अच्छी खासी तादाद है। नोएडा लोकसभा सीट (गौतमबुद्धनगर) सीट पर सपा हमेशा से मजबूती से चुनाव लड़ती रही है। इस बार खेल बिल्कुल उलटा नजर आ रहा है। सपा के अनुयाई बोल रहे हैं कि चुनाव चल रहा है किन्तु उनकी पार्टी का प्रत्याशी मानो चुनावी मैदान से नदारद है। नोएडा शहर में रहने वाले एक पुराने सपा समर्थक ने कहा कि हमें तो लग रहा है कि हमारी पार्टी सपा का प्रत्याशी तो जैसे गांव की प्रधानी अथवा नगर पालिका का चुनाव लड़ रहा है। हमारा प्रत्याशी तो पूरे नोएडा क्षेत्र को छोडक़र केवल अपने गांव मिल्क लच्छी के आसपास ही सिमट कर रह गया है। सपा के समर्थक (अनुयाई) अब एक तरफ कुआं तथा दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति में फंस गए हैं। वें यदि सपा प्रत्याशी के साथ रहते हैं तो उन्हें प्रत्याशी में जरा भी दम नजर नहीं आ रहा है। प्रत्याशी को छोड़ते हैं तो पार्टी से गददारी का ठप्पा लगता है। इस प्रकार दु:खी मन से सपा के नेता तथा अनुयाई अपने-अपने घरों में बैठकर सपा के प्रत्याशी डा. महेन्द्र नागर का इंतजार कर रहे हैं। वें सोच रहे हैं कि शायद सपा प्रत्याशी को कुछ सद्बुद्धि आ जाए वें पूरे क्षेत्र में चुनावी माहौल बनाकर समाजवादी पार्टी की इज्जत को बचा लें।