कंबोडिया में फंसे हुए है नोएडा के कई युवा

कंबोडिया में फंसे हुए है नोएडा के कई युवा

Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से आईटी क्षेत्र में नौकरी के लिए गए नोएडा के कई युवा कंबोडिया में फंसे गए है। नोएडा के जो युवा कंबोडिया में फंसे है उन्हे वापस लाने की अब थोड़ी उम्मीद जागी है। कंबोडिया में फंसे नोएडा के इन युवाओं की वापसी का परिजन बेसब्री से इंजार कर रहे है।

दरअसल कंबोडिया में साइबर ठगी के जाल में फंसे नोएडा के युवाओं की अब वतन वापसी की आस बढ़ गई है। विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद 17 श्रमिकों की वापसी हुई। इसके बाद साइबर ठगी में फंसे युवाओं ने कंबोडिया की राजधानी में मौजूद मंत्रालय के कार्यालय से संपर्क साधा है।

फरवरी महीने में ग्रेटर नोएडा के दादरी के रहने वाले फैजल सैफी कंबोडिया में साइबर ठगों के जाल से छूटकर भारत वापस आ गए थे। उन्होंने वहां गिरोह के सरगना डेविड को झांसे में लिया था। फैजल सैफी ने डेविड से कहा था कि वह ऑफिस के लिए लेडी कॉलर की व्यवस्था करेंगे। इसके लिए वह भारत जा रहे हैं। इस पर डेविड ने सहमति प्रदान कर दी। अब वहां पर फंसे हुए युवक स्थानीय लोगों के संपर्क में हैं। नोएडा के ही 10 से 12 युवा कंबोडिया में फंसे हुए हैं। इन सभी को आईटी क्षेत्र में अच्छी नौकरी की बात कहकर ले जाया गया था। बाद में इनको साइबर ठगी में धकेल दिया गया। इनमें से ही कुछ युवकों ने नोम पेन्ह में मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क किया है।

आपको बता दें कि एक महीने पहले ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र में कंबोडिया में साइबर ठगी गिरोह से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस खुलासे के बाद अब पूरे मामले को स्थानीय पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के हवाले कर दिया है। बिसरख थाना के प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि पूरे मामले में हमारी उन युवाओं ने बहुत मदद की जो कंबोडिया से मुक्त होकर आए हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा जो एडवाइजरी जारी की गई है वह युवाओं के मार्गदर्शन का काम करेगी। ग्रेटर नोएडा से जो लोग गिरफ्तार किए गए थे उनमें एक चीन का नागरिक, एक नेपाल का नागरिक अनिल थापा और एक दादरी का निवासी विनोद भाटी था।

कंबोडिया में फंसे नोएडा के युवाओं की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विदेश मंत्रालय ने नोएडा के युवाओं के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि जानकारी में आया है कि कंबोडिया में आकर्षक नौकरी के अवसरों के फर्जी वादों से आकर्षित होकर भारतीय नागरिक मानव तस्करों के जाल में फंस रहे हैं। रोजगार के लिए कंबोडिया जाने के इच्छुक भारतीय नागरिकों को सावधान किया जाता है कि वे केवल अधिकृत एजेंटों के माध्यम से ही ऐसा करें। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि विदेश मंत्रालय, नोम पेन्ह में समस्या के समाधान के साथ-साथ प्रभावित भारतीय नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए कंबोडियाई अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।